फाइनेंशियल प्लानिंग के नियम एवं लक्ष्य

फाइनेंशियल प्लानिंग के 5 नियम एवं लक्ष्य

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फाइनेंशियल प्लानिंग के 5 नियम एवं लक्ष्य

हर व्यक्ति के लिए जीवन में पैसे की बहुत अधिक अहमियत होती है क्योंकि इसके जरिए ही आप अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं. आप एक व्यक्ति एवं परिवार के तौर पर बहुत सारी चीजें चाहते हैं. फाइनेंशियल प्लानिंग का लक्ष्य इन सभी सपनों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग का मतलब ये है कि आपने अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपने संसाधनों को सिस्टेमैटिक तरीके से काम पर लगा दिया है.

 

अपने लक्ष्य एवं प्राथमिकताएं तय कीजिए

किसी भी व्यक्ति के जीवन में पैसे की चिंता सबसे अहम होती है. इसकी वजह ये है कि इसके जरिए आप अपने लक्ष्यों को हासिल कर पाते हैं. सबसे पहले अपने लक्ष्यों को लिख लीजिए. अब उनकी प्राथमिकता तय करें. परिवारों के पास कुछ लक्ष्यों को हासिल करने का बजट नहीं होता है. अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग से एक बार में एक लक्ष्य को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. 

यहां हम कुछ ऐसे जरूरी लक्ष्यों एवं प्राथमिकताओं की बात करने जा रहे हैं जो काफी कॉमन होते हैं और इससे आपकी अपनी लिस्ट बनाने में मदद मिलती हैः


इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो तैयार करना

लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पैसों की जरूरत होती है. धन जुटाने के लिए आपको सबसे पहले इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो की जरूरत होती है. हमें अक्सर यह महसूस होता है कि हमारे पास निवेश के लिए पैसे नहीं हैं. लेकिन अगर आप अपनी मासिक आय का 10 फीसदी हिस्सा अलग रखते हैं तो आप इस रकम का इस्तेमाल निवेश के लिए कर सकते हैं जिससे आपकी संपत्ति बढ़ती है. 


एक अच्छे पोर्टफोलियो के तहत इक्विटी, डेट एवं नकदी में निवेश शामिल होता है जिससे आप ग्रोथ, स्थिरता हासिल कर पाते हैं और इसके साथ ही साथ टैक्स की भी बचत करते हैं. म्यूचुअल फंड निवेश को सरल बनाने का एक शानदार जरिया होता है. सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के तहत आप हर महीने 500 रुपये की छोटी रकम भी निवेश कर सकते हैं. इस तरह निवेश नहीं करने का कोई बहाना नहीं रह जाता है. 

कर (टैक्स) प्रबंधन

आपकी कमाई पर कम-से-कम टैक्स की देनदारी बने, इसे सुनिश्चित करने के लिए टैक्स प्लानिंग अहम होती है. इस प्रकार आप किसी भी वित्त वर्ष के आखिर में टैक्स बचा सकते हैं. तीन साल तक की छोटी अवधि की लॉक-इन पीरियड वाली इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) आईटी एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट प्राप्त करने का एक आदर्श तरीका होता है. इसके एक और फायदे की बात की जाए तो यह ग्रोथ की पेशकश करता है. टैक्स छूट प्राप्त करने के साथ-साथ निवेश की योजना बनाकर आप यह सुनिश्चित करते हैं कि आपको अधिक-से-अधिक रिटर्न प्राप्त हो.

स्वास्थ्य की देखभाल एवं रिटायरमेंट की प्लानिंग

पहले की पीढ़ी की तुलना में हमारी लंबे वक्त तक जीते हैं लेकिन हमारे बीमार पड़ने की आशंका ज्यादा होती है और इस वजह से मेडिकल पर होने वाला खर्चा काफी अधिक होता है. वहीं, स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी होने पर आपकी सेविंग का एक बड़ा हिस्सा खर्च होने की आशंका रहती है. आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग में इस संबंध में पूरी तैयारी होनी चाहिए. अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस के साथ आप ना सिर्फ अपने और अपने परिवार को अच्छी हेल्थकेयर फैसिलिटीज उपलब्ध करा पाएंगे और इसके लिए आपकी सेविंग भी खर्च नहीं होगी.

जहां तक रिटायरमेंट का सवाल है तो आपको रिटायरमेंट के बाद की अच्छी जिंदगी के लिए बहुत जल्दी प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए.

 

इस फॉर्मूला से अपने लिए जरूरी रिटायरमेंट फंड की गणना करें

एक अच्छे रिटायरमेंट प्लान के लिए मोटे तौर पर दो चीजों की जरूरत होती है- पहला ये कि आप कब रिटायर होना चाहते हैं और रिटायरमेंट के बाद के खर्च के लिए आपको हर महीने कितने रुपये के जरूरत होगी. इसके साथ ही आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका लाइफ इंश्योरेंस आपकी सालाना इनकम के 10 गुना बराबर हो. विभिन्न पॉलिसीज की तुलना कीजिए और उस प्लान को सेलेक्ट कीजिए जो आपके लिए सबसे ज्यादा अफोर्डेबल हो और आपकी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो. 

नजर बनाए रखिए

बाजार से जुड़ी परिस्थितियां लगातार बदलती रहती हैं और इसके हिसाब से पोर्टफोलियो की लगातार समीक्षा करते रहने की जरूरत होती है. साल में कम-से-कम एक बार या जीवन में आने वाले अहम बदलावों के समय अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करिए. इससे आपका पोर्टफोलियो आपके जीवन में आने वाले बदलावों एवं वित्तीय माहौल के अनुरूप हो जाता है. 

समय ही पैसा है. ऐसे में अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग जल्दी शुरू कीजिए और आप जल्द ही सुरक्षा एवं ग्रोथ की राह पर होंगे. 


निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.


सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसीआरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करेंhttps://www.edelweissmf.com/kyc-norms  

 

म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.


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