इंडेक्स फंड में निवेश

इंडेक्स फंड में निवेश के फायदे

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दुनिया की लगभग सभी चीजों की तरह म्यूचुअल फंड के भी कई प्रकार होते हैं. वे निवेश के विकल्पों की एक विविध श्रृंखला ऑफर करते हैं, जिनमें से सभी को मैनेजमेंट के तरीकों समेत अन्य फैक्टर्स के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है. वैसे, म्यूचुअल फंड दो प्रकार के होते हैं - एक्टिवली मैनेज्ड और पैसिवली मैनेज्ड. पैसिव फंडों को एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) या इंडेक्स फंड में वर्गीकृत किया जा सकता है. इस आर्टिकल में हम इंडेक्स फंड और इंडेक्स फंड के उन लाभों के बारे में जानेंगे, जिनका आप फायदा उठा सकते हैं.

क्या हैं इंडेक्स फंड?

इंडेक्स फंड वैसे म्यूचुअल फंड हैं, जो निफ्टी या सेंसेक्स जैसे किसी खास इंडेक्स के परफॉर्मेंस को ट्रैक करते हैं और उसे दोहराते हैं. ऐसे फंडों के पोर्टफोलियो में वही स्टॉक होते हैं, जो उनके अंडरलाइंग इंडेक्स में होते हैं और उनका अनुपात भी वहीं होता है. उदाहरण के लिए, निफ्टी 100 इंडेक्स फंड उन्हीं 100 कंपनियों में निवेश करेगा, जो निफ्टी 100 में शामिल हैं. इंडेक्स फंड का लक्ष्य बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करने के बजाय बेंचमार्क के समतुल्य रिटर्न जेनरेट करना है.

फंड के पैसिव नेचर के कारण इंडेक्स फंड के मामले में फंड मैनेजरों की भूमिका सीमित होती है. वे सक्रिय रूप से सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री नहीं करते हैं. इसके बजाय, वे वही दोहराते हैं, जो बेंचमार्क करता है. जैसा कि कहा गया है, यह फंड मैनेजरों का काम है कि वे समय के साथ किसी भी बदलाव के लिए अंडरलाइंग इंडेक्स पर नजर रखें. उन्हें इंडेक्स की बदली संरचना के हिसाब से मेल खाने के लिए पोर्टफोलियो को फिर से बैलेंस करना होगा.

अब जब आप जान चुके हैं कि इंडेक्स फंड कैसे काम करता है, तो आइए इंडेक्स फंड के फायदों के बारे में जानते हैं.

इंडेक्स फंड में निवेश के फायदे

  • कम लागत:

     फंड मैनेजरों की सक्रिय भागीदारी नहीं होने से इंडेक्स फंड को मैनेज करने की लागत कम होती है. इन पेशेवरों को सक्रियता से रिसर्च या ट्रेड करने की जरूरत नहीं होती है. इसमें ट्रेडिंग कॉस्ट सिर्फ अंडरलाइंग इंडेक्स के प्रदर्शन को दोहराने के कारण कम हो जाती है. ऐसे फंडों का एक्सपेंस रेशियो अन्य फंडों की तुलना में कम होता है. 
  • डायवर्सिफिकेशन:

     चूंकि सभी सिक्योरिटीज एक ही तरीके से परफॉर्म नहीं करती हैं, इस कारण निवेश के जोखिम को कम करने के लिए डायवर्सिफिकेशन एक प्रभावी तरीका हो जाता है. इंडेक्स फंड के पोर्टफोलियो में कई सिक्योरिटीज होती हैं, जो उनके अंडरलाइंग इंडेक्स का हिस्सा होती हैं. इन सिक्योरिटीज का बाजार पूंजीकरण, सेक्टर आदि अलग-अलग हो सकते हैं. ऐसे में आपको एक ही निवेश पर डायवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है.
  • इंसानों से होने वाली गलती अथवा धारणा से बचाव:

     फंड मैनेजर फंड के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे ज्यादा से ज्यादा रिटर्न के लिए अपनी विशेषज्ञता, ज्ञान और अनुभव का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, इंडेक्स फंड में मैनेजर्स के पास पोर्टफोलियो में सिक्योरिटीज की मात्रा व वजन को लेकर पहले से निर्धारित मैंडेट होता है. इससे निवेश का निर्णय लेते समय मानवीय भूल या पूर्वाग्रह की आशंका समाप्त हो जाती है.
  • लिक्विडिटी: 

    इंडेक्स फंड ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड होते हैं. इस प्रकार, आप किसी भी समय अपना निवेश निकाल सकते हैं और हाई लिक्विडिटी का फायदा उठा सकते हैं. 
  • शुरुआत करने वालों के लिए आदर्श:

     तुलनात्मक तौर पर निवेश की लागत कम होने और कम समय, कौशल व ज्ञान की जरूरत होने के कारण इंडेक्स फंड नए निवेशकों के लिए आदर्श हो सकते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो इक्विटी फंड की संभावनाओं का फायद उठाना चाहते हैं.

सारांश

इंडेक्स फंड पैसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी का पालन करते हैं. उनका लक्ष्य केवल उस सूचकांक के प्रदर्शन की नकल करना है जिसको वे फॉलो करते हैं. इस तरह वे कम लागत वाले इन्वेस्टमेंट बन जाते हैं, जो शुरुआत करने वालों और डायवर्सिफिकेशन चाहने वालों के लिए उपयुक्त होते हैं.

 

निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.


म्यूचुअल फंड के सभी निवेशकों को केवाईसी की प्रक्रिया से एक बार गुजरना पड़ता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ ही डील करना चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ और किसी भी शिकायत को दर्ज करने/निपटाने की प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां विजिट करें - https://www.edelweissmf.com/kyc-norms  

 

म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं. योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.

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