एसआईपी के फ़ायदे

आपको एसआईपी के इन फायदों के बारे में जानना चाहिए

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क्या आपको कछुए एवं खरगोश की कहानी याद है? खरगोश तेजी से दौड़ा लेकिन रूक गया और अपने इसी गलत व्यवहार की वजह से वह हार गया. दूसरी और, धीरे-धीरे लेकिन लगातार चलने वाला कछुआ जीत गया. इसी तरह अनियमित पैटर्न से आप रेस हार सकते हैं; खास तौर पर निवेश के मामले में. इसके विपरीत, धीरे-धीरे लेकिन लगातार प्रयास जारी रखने की रणनीति से आप इस गेम को जीत सकते हैं. सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) आपके बचपन की कहानी के कछुए की तरह है. यहां जानिए इस एसआईपी का मतलब और फायदेः 

एसआईपी क्या है?

एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है. जब आप डेट फंड, हाइब्रिड फंड, इक्विटी म्यूचुअल फंड, इंटरेनशनल फंड इत्यादि में निवेश करते हैं तो आप दो तरीकों से ऐसा कर सकते हैं. पहला तरीका है कि आप अपनी पसंद की स्कीम में एकमुश्त राशि का निवेश करते हैं. दूसरा तरीका है एसआईपी को जरिए निवेश. निवेश के इस तरीके में आप एक अंतराल और निवेश की रकम तय कर सकते हैं और जब तक चाहें निवेश कर सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर आप किसी म्यूचुअल फंड में हर महीने 5,000 रुपये का निवेश करने का फैसला करते हैं तो हर महीने निवेश के लिए 5,000 रुपये की रकम आपके अकाउंट से म्यूचुअल फंड के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है.  

एसआईपी के जरिए निवेश का विकल्प म्यूचुअल फंड के सबसे बड़े फायदों में से एक है जिसका आप लाभ उठा सकते हैं. आइए जानते हैं कि यह आपके लिए कैसे सहायक सिद्ध हो सकता है.    

एसआईपी के फायदे

  • अफोर्डेबल: एसआईपी के जरिए आपको 500 रुपये तक की छोटी रकम के निवेश की छूट मिल जाती है. ये किसी और हर बजट के लिहाज से उपयुक्त होते हैं और किसी भी आय वर्ग वाले लोग इसमें निवेश कर पाते हैं.  
  • रुपये की लागत का औसत: एसआईपी समय के साथ इंवेस्टमेंट की लागत को औसत करने में सक्षम होती है. जब बाजार तेज होता है तो आपको कुछ यूनिट्स मिलते हैं. वहीं, जब बाजार मंदा होता है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलते हैं. ऐसे में समान निवेश के साथ आपको मिलने वाले यूनिट्स की तादाद अलग-अलग हो सकती है. समय के साथ एसआईपी लागत को औसत कर देता है और आपको मार्केट को टाइम को जरूरत नहीं होती है. इसके साथ ही एसआईपीओ आपको संतुलित रिटर्न देता है.   
  • सुविधा: आप जब भी चाहें एसआईपी को शुरू या बंद करा सकते हैं. अगर आपके पास ज्यादा फंड आ जाता है तो आप अतिरिक्त रुपये से टॉप-अप एसआईपी करा सकते हैं. इसके अलावा आपको बताते चलें कि एसआईपी को सस्पेंड करने पर किसी तरह का शुल्क या जुर्माना नहीं भरना पड़ता है. इस तरह देखा जाए तो एसआईपी आपकी जीवन की बदलती जरूरतों के अनुसार ढल जाता है.
  • कम्पाउंडिंग की ताकत: एसआई के जरिए आप लंबी अवधि तक निवेश कर सकते हैं इससे आपके रुपये को कम्पाउंडिंग का वक्त मिल जाता है. हर नई एसआईपी के साथ आपके फायदों को भी दोबारा बाजार में लगाया जाता है, जिससे आखिर में आपको ज्यादा कमाई होती है. 

अगर एसआईपी के इन फायदों से आपके मन में दिलचस्पी जगी हो और आप यह जानना चाहते हैं कि एसआईपी के जरिए निवेश का तरीका क्या है तो अगले हिस्से को पढ़ेंः

एसआईपी के जरिए कैसे निवेश करें?

  • किसी एक म्यूचुअल फंड स्कीम को सेलेक्ट कीजिए: अलग-अलग फंड के बारे में विचार करिए, हर विकल्प में शामिल जोखिम का आकलन कीजिए और अपनी जरूरत के हिसाब से एक विकल्प को चुनना चाहिए.
  • निवेश की फ्रिक्वेंसी तय करिए: अपने एसआई निवेश की फ्रिक्वेंसी तय कीजिए. आप साप्ताहिक, पखवाड़ा या फिर मासिक अंतराल तय कर सकते हैं. आप बाद में भी इसे बदल सकते हैं.
  • एक रकम तय कीजिए: एसआईपी निवेश के लिए एक रकम तय करिए. न्यूनतम रकम 500 रुपये से शुरू होती है और आप अपनी इच्छा के हिसाब से ज्यादा-से-ज्यादा रकम चुन सकते हैं.  

अब अपने बैंक को मैंडेट दे दीजिए और बस आपका काम हो गया.

निष्कर्ष

एसआईपी काफी अधिक सुगम तरीके से किया जा सकता है और इसी वजह से अधिक-से-अधिक लोग इसे काफी पसंद करते हैं. हालांकि, एसआईपी का फायदा उठाने के लिए सही म्यूचुअल फंड चुनना काफी अहम होता है. आप अपने लक्ष्य, जोखिम लेने की क्षमता और जरूरत के हिसाब से ध्यानपूर्वक स्कीम चुनकर ऐसा कर सकते हैं. 


निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.


सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसीआरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करेंhttps://www.edelweissmf.com/kyc-norms  

 

म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.

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