स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप फंड के बीच का अंतर

स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप फंड के बीच का अंतर

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कपड़े हों या कॉफी, साइज की उपलब्धता से जीवन आसान हो जाता है. ऐसे में पैसों के निवेश के मामले में इसी प्रकार की लचीलता क्यों नहीं होनी चाहिए? म्यूचुअल फंड के जरिए आप कंपनी के आकार के मुताबिक निवेश कर सकते हैं. वित्तीय रूप से कहा जाए तो आप बाजार पूंजीकरण के मुताबिक निवेश कर सकते हैं. बाजार पूंजीकरण से आपको स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप फंड के बीच के अंतर को समझने में मदद मिलती है.

आइए आपके लिए इन वित्तीय शब्दावली को आसान बनाते हैं

क्या होता है बाजार पूंजीकरण

बाजार पूंजीकरण से आपको कंपनी के मूल्य के आकलन में मदद मिलती है. कंपनी के बाजार में उपलब्ध कुल शेयरों को हर शेयर के वर्तमान बाजार मूल्य से गुणा करने पर जो आंकड़ा सामने आता है, उसे बाजार पूंजीकरण कहते हैं. उदाहरण के लिएः अगर कोई कंपनी 100 रुपये मूल्य के 10 लाख शेयर जारी करती है तो इस कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण 1000 लाख करोड़ रुपये होगा. 

बाजार पूंजीकरण के आधार पर कंपनियों को स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप कंपनियों के रूप में बांटा जाता है. इन कंपनियों को समझने से स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप फंड को समझने में मदद मिलेगी. 

  1. लार्ज-कैप कंपनियां और लार्ज-कैप फंड

लार्ज-कैप कंपनियां

लार्ज-कैप कंपनियां अच्छे से स्थापित और प्रतिष्ठित कंपनियां होती हैं. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के मुताबिक मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से भारत की 100 सबसे बड़ी कंपनियां लार्ज-कैप कंपनियों की श्रेणी में आती हैं. इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

लार्ज-कैप फंड

लार्ज-कैप फंड ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं जो मुख्य रूप से लार्ज-कैप कंपनियों में निवेश करते हैं. चूंकि, इन कंपनियों की बाजार पर पकड़ होती है, ऐसे में इन तीनों फंड में लार्ज-कैप फंड को सबसे कम जोखिम वाला विकल्प माना जाता है. इन फंड में तुलनात्मक रूप से कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है लेकिन इनसे मिलना वाला रिटर्न भी तुलनात्मक रूप से कम रह सकता है.

       2. मिड-कैप कंपनियां और मिड-कैप फंड

 मिड-कैप कंपनियां

मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से 101 से 250वें स्थान के बीच काबिज कंपनियों को मिड-कैप कंपनी कहा जाता है. इस तरह की कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा होता है लेकिन 20,000 करोड़ रुपये से कम होता है. ये कंपनियां लार्ज-कैप कंपनियों जितनी स्थापित नहीं होती हैं लेकिन फिर भी ये जानी-मानी कंपनियां होती हैं, जिनमें भविष्य में और ग्रोथ की संभावनाएं मौजूद होती हैं. 

मिड-कैप फंड

मिड-कैप फंड ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं जो मुख्य रूप से मिड-कैप कंपनियों में निवेश करते हैं. इन लार्ज-कैप कंपनियों की तुलना में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है लेकिन ये ज्यादा बेहतर रिटर्न देने में सक्षम होती हैं. 

      3.स्मॉल-कैप कंपनियां और स्मॉल-कैप फंड

स्मॉल-कैप कंपनियां

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 251वें स्थान के बाद की कंपनियों को स्मॉल-कैप कंपनी कहा जाता है. इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5000 करोड़ रुपये से कम होता है. उनकी ग्रोथ अब भी जारी रहती है और उन्हें बाजार में खुद को स्थापित करना होता है. ऐसे में इस बात की संभावना काफी कम होती है कि उनका रिकॉर्ड ज्यादा पुराना हो.  

स्मॉल-कैप फंड

स्मॉल-कैप फंड मुख्य रूप से स्मॉल-कैप कंपनियों में निवेश करते हैं. इस प्रकार के फंड को इन तीनों में सबसे जोखिम वाला माना जाता है. हालांकि, इन फंड में सबसे ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता होती है.

स्मॉल-कैप, मिड-कैप एवं लार्ज-कैप फंड में से किसी एक को कैसे चुनें

स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप फंड में काफी अधिक अंतर होता है लेकिन एक चीज इन सबमें कॉमन होती है कि ये सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं और इस वजह से इनमें उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. हालांकि, इनके बाजार पूंजीकरण की वजह से इनमें होने वाले उतार-चढ़ाव में अंतर देखने को मिलता है और इसी तरह उनसे जुड़े जोखिम में भी अंतर देखने को मिलता है.   

अगर आप इन तीनों में से सबसे कम जोखिम वाला फंड चुनना चाहते हैं तो आपको लार्ज कैप फंड चुनना चाहिए. लेकिन अगर आप सबसे ज्यादा रिटर्न की संभावना वाले फंड की तलाश में हैं तो आप स्मॉल-कैप फंड चुन सकते हैं. अगर आप मध्यम जोखिम के साथ मध्यम रिटर्न चाहते हैं तो आप मिड-कैप फंड चुन सकते हैं. 

इसके साथ-ही-साथ हर बार एक्टिव फंड चुनना जरूरी नहीं होता है. आप पैसिव स्मॉल-कैप, मिड-कैप या लार्ज-कैप फंड में भी निवेश कर सकते हैं. पैसिव निवेश में फंड मैनेजर की भूमिका सीमित होती है क्योंकि फंड उससे जुड़े इंडेक्स को ट्रैक करता है और उसे फॉलो करता है. 

निष्कर्ष

म्यूचुअल फंड को मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज कैप फंड में वर्गीकृत किया गया है. जहां पहले दो विकल्प अनुभवी निवेशकों के लिए आदर्श हो सकते हैं. वहीं, नए निवेशक जो इक्विटी की संभावनाओं का फायदा उठाना चाहते हैं, वे लार्ज कैप फंड चुन सकते हैं.  


एडलवाइज म्यूचुअल फंड द्वारा निवेशकों को शिक्षित बनाने की एक पहल


सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार की केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना होता है. निवेशकों को पंजीकृत म्यूचुअल फंड (RMF) के साथ ही डील करनी चाहिए. केवाईसीआरएमएफ और किसी शिकायत को दर्ज कराने/निवारण की प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिएविजिट करें - https://www.edelweissmf.com/kyc-norms


म्यूच्यूअल फंड निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.

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