डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स की वे सारी बातें, जो आपको जाननी चाहिए

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हर व्यक्ति के जीवन में कुछ निश्चित लक्ष्य होते हैं और ये लक्ष्य कार या घर खरीदने से लेकर यात्रा करने या अपने माता-पिता को सहायता प्रदान करने तक हो सकते हैं. आपका लक्ष्य चाहे जिस भी तरीके का हो, सभी में एक पहलू ऐसा है, जो आपकी महत्वाकांक्षा को हासिल करने के लिए जरूरी है, और वह है पैसा. जब तक आपके पास फाइनेंशियल फ्रीडम नहीं होगी, तब तक आपके लिए अपने सपनों को पूरा कर पाना मुश्किल होगा और फाइनेंशियल फ्रीडम हासिल करने के लिए आपके पास निवेश की एक बेहतर योजना होनी चाहिए. यह ऐसा मामला है, जहां म्यूचुअल फंड्स प्रासंगिक हो जाते हैं. ऐसे कई तरीके हैं, जिनमें आप निवेश कर सकते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड स्कीम्स व्यक्तिगत तौर पर बाजार को ट्रैक करने या उसे जानने की जरूरत के बिना भी आपको अर्थव्यवस्था के विकास में भागीदार बनने में सक्षम बनाती हैं और इस बात की भी संभावना रहती है कि आपको महंगाई दर से बेहतर रिटर्न मिले. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के इच्छुक हैं, तो आपको डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम्स के बारे में जानना होगा.

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स क्या हैं?

भारत में आपके पैसिव इक्विटी फंड्सपैसिव डेट फंड्सहाइब्रिड फंड्स समेत कई प्रकार के म्यूचुअल फंड्स में से चुनने का मौका मिलता है. इनमें से सभी योजनाएं आपको कुछ नया ऑफर करेंगी और ऐसा संभव है कि वे आपके कई लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी सहायता करें. यूं तो ये स्कीम्स एक जैसी ही होती हैं, बस आपके निवेश करने का तरीका अलग हो सकता है. सीधे शब्दों में कहें, तो आप या तो स्कीम ऑफर करने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के साथ जुड़कर सीधे निवेश कर सकते हैं या आप वितरकों और निवेश प्लेटफार्मों के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स के मामले में थर्ड पार्टी डिस्ट्रीब्यूटर्स या एजेंट्स की कोई भागीदारी नहीं होती है, इस कारण आपको ऐसे लेनदेन में कोई कमीशन या ब्रोकरेज नहीं देना पड़ता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि नियमित फंडों की तुलना में व्यय का अनुपात कम रहे.

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स के फीचर्स

चूंकि आपके पास एएमसी से सीधे म्यूचुअल फंड स्कीम्स को खरीदने का विकल्प है, इन स्कीम्स की मुख्य विशेषता यह है कि आपको निवेश शुरू करने के लिए थर्ड पार्टी के एजेंटों या दलालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है. डायरेक्ट फंड में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से निवेश किया जा सकता है, जिससे डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी आसान हो जाता है. थर्ड पार्टी के डिस्ट्रीब्यूटर्स के नहीं होने से कमीशन के रूप में कोई खर्च नहीं होता है, जिसके कारण व्यय का कम अनुपात सुनिश्चित होता है. इसका मतलब यह है कि आपके लगभग पूरे पैसे का उपयोग स्कीम में यूनिट खरीदने के लिए किया जाएगा. डायरेक्ट फंड्स में कोई लेनदेन शुल्क भी नहीं लगता है.

सबसे अच्छे डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स की गुणवत्ताएं

अगर आपको लगता है कि डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स आपके लिए एक अच्छा विकल्प हैं, तो अपनी आवश्यकताओं के लिए सबसे अच्छी स्कीम पर विचार करते समय सबसे अच्छी स्कीम्स की इन खासियतों पर जरूर गौर करें.

  1. एक ऐसे डायरेक्ट म्यूचुअल फंड की तलाश करें, जिसने कम उथल-पुथल के साथ लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न दिया हो. ऐसा फंड आपको बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान भी स्थिर रिटर्न हासिल करने में सक्षम बनाता है.
  2. अलग-अलग एएमसी के डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स की तुलना करें और अपने इन्वेस्टर प्रोफाइल के आधार पर ऐसी स्कीम चुनें, जिसका एक्सपेंस रेशियो उसके समतुल्य स्कीम्स से कम हो.
  3. अंत में, एक फंड मैनेजर द्वारा चलाए जा रहे डायरेक्ट म्यूचुअल फंड का विकल्प चुनें, जिसका ट्रैक रिकॉर्ड बाकियों से बेहतर है, क्योंकि आपका निवेश कैसा रिटर्न देगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके मैनेजर के पास कैसा अनुभव है.

डायरेक्ट फंड्स में निवेश करने के फायदे

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से निवेश करने के कुछ अलग फायदे हैं. इनमें ये शामिल हैं:

  1. रेगुलर फंड की तुलना में कम व्यय अनुपात. कमीशन की छूट का आपकी रकम पर चक्रवृद्धि असर होता है. इन्वेस्टमेंट के कई सालों बाद आप डायरेक्ट और रेगुलर दोनों तरीकों से जमा हुई रकम में काफी बड़ा अंतर देख सकते हैं.
  2. कमीशन नहीं होने से ये स्कीम्स अधिक नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) भी सुनिश्चित करते हैं, क्योंकि निवेश किया गया पूरा धन सीधे स्कीम में रखा जाता है.
  3. इसके अलावा, चूंकि आप डायरेक्ट स्कीम के मामले में अपना सारा पैसा स्कीम में ही निवेश करते हैं, इसलिए इन मामलों में आपका रिटर्न भी नियमित फंडों द्वारा दिए जा रहे रिटर्न से अधिक होगा.
  4. इसके साथ ही, जब आप डायरेक्ट रूट से निवेश करने का विकल्प चुनते हैं, तो आप एजेंट या दलालों के पूर्वाग्रह या व्यक्तिगत हित से प्रभावित नहीं होंते हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित होता है कि आपका निवेश आपकी अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से हो.

ये थीं वे सारी बातें, जो आपको डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स के बारे में जाननी चाहिए. अगर आप निवेश की शुरुआत करने या अपने पोर्टफोलियो को नए सिरे से संतुलित करना चाहते हैं, तो याद रखें कि रेगुलर स्कीम्स के बजाए डायरेक्ट फंड्स को चुनना चाहिए. 


एडलवाइज म्यूचुअल फंड द्वारा निवेशकों को शिक्षित बनाने की एक पहल


सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार की केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना होता है. निवेशकों को पंजीकृत म्यूचुअल फंड (RMF) के साथ ही डील करनी चाहिए. केवाईसीआरएमएफ और किसी शिकायत को दर्ज कराने/निवारण की प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिएविजिट करें - https://www.edelweissmf.com/kyc-norms


म्यूच्यूअल फंड निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.

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