अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा से शेयर बाजारों में निवेश करना चाहते हैं लेकिन बाजार की अस्थिरता के साथ-साथ सही शेयरों का चयन करना आपको परेशान करता है, तो यह समय है कि आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में निवेश करने पर विचार करें. ईटीएफ एक प्रकार की जमा निवेश प्रतिभूतियां हैं, जिनका स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है. वे मूल रूप से प्रतिभूतियों का एक समूह हैं, जिनका मूल्य समूह की सभी प्रतिभूतियों के संयुक्त मूल्य से तय होता है. ईटीएफ में स्टॉक के साथ-साथ म्यूचुअल फंड के गुण होते हैं. वे म्यूचुअल फंड की तरह ही जमा निवेश होते हैं, लेकिन स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक की तरह ही उनका कारोबार भी होता है.
एक ईटीएफ में कई अंतर्निहित व्यापार योग्य प्रतिभूतियां होती हैं, जैसे स्टॉक, बॉन्ड, कमॉडिटीज और मुद्राएं (करेंसी). चूंकि अंतर्निहित प्रतिभूतियों की कीमतें पूरे दिन बदलती रहती हैं, इसलिए ईटीएफ की कीमत भी उसी के अनुपात में बदलती रहती है.
उदाहरण के लिए, अगर हम एक ईटीएफ को देखें जो निफ्टी 50 इंडेक्स के समतुल्य है, तो इसमें उसी अनुपात के साथ वे 50 स्टॉक शामिल होंगे, जो इंडेक्स का हिस्सा हैं. इस कारण, अगर निफ्टी 50 इंडेक्स 5% ऊपर या नीचे चला गया, तो ईटीएफ भी उसी हिसाब से करीब-करीब 5% ऊपर या नीचे जाएगा. यहां, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ईटीएफ के मूल्य में परिवर्तन अंतर्निहित सूचकांक के लगभग समान होगा और पूरी तरह वैसा ही नहीं होगा. ये जो थोड़ा अंतर आता है, वह ट्रैकिंग एरर और लेनदेन की लागत बताता है.
ईटीएफ को मोटे तौर पर एक्टिव और पैसिव के बीच बांटा किया गया है; एक्टिव ईटीएफ को पोर्टफोलियो प्रबंधक मैनेज करता है, जो लगातार बाजार की स्थितियों का मूल्यांकन करता है और अंतर्निहित प्रतिभूतियों के समूह को अपडेट करता है, जबकि पैसिव एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है/ दोहराते है, जिसमें सूचकांक में बदलाव होने के बाद ही प्रतिभूतियों को नए सिरे से संयोजित किया जाता है.
भारत में, इस तरह के ईटीएफ प्रमुख हैं:
ईटीएफ में निवेश करने के कई फायदे हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
दूसरी ओर, जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह ईटीएफ की भी कुछ सीमाएं होती हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए.
ईटीएफ के फायदे उसके नुकसान से बहुत अधिक हैं और ज्यादातर निवेशक ईटीएफ में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. इस हिसाब से, आपने खुद से यह सवाल पूछा होगा कि आपको गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना चाहिए या गोल्ड फंड में. आपके लिए बेहतर विकल्प क्या हो सकता है, इसके बारे में यहां कुछ जानकारी दी गई है.
गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड में निवेश करते हैं और सोने की कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं. वहीं गोल्ड फंड म्यूचुअल फंड स्कीम हैं, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सोने में निवेश करती हैं, जिसमें फिजिकल गोल्ड, गोल्ड रिजर्व, सोने के उत्पादन व वितरण में शामिल निकाय, सोने के खनन में शामिल निकाय और यहां तक कि गोल्ड ईटीएफ भी शामिल हैं. इसलिए, आप किस प्रकार का एक्सपोजर चाहते हैं और कहां निवेश करना आपके लिए आसान है, उसके आधार पर आप सोने की कीमतों के उतार-चढ़ाव से परिचित होने के लिए कोई भी विकल्प चुन सकते हैं.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स ने आम निवेशकों को काफी कम लागत पर और बहुत कम प्रयास के साथ अत्यधिक विविध प्रतिभूतियों में सक्रिय रूप से निवेश करने में सक्षम बनाया है. इस प्रकार वे नए निवेशकों के लिए एंट्री पॉइंट बन गए हैं, जो कम जोखिम उठाना चाहते हैं और प्रतिभूति बाजारों में निवेश करना चाहते हैं, साथ ही वे सामान्य से अधिक रिटर्न भी हासिल करते हैं.
निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.
सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करें: https://www.edelweissmf.com/kyc-norms
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.
MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.