टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स

टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स में निवेश

94
    


यह देखना दिलचस्प है कि लोग किस प्रकार सभी निवेश उत्पादों (इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स) को एक ही तरह से देखते हैं और सभी तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक ही तरह के इंस्ट्रुमेंट का इस्तेमाल करते हैं. उदाहरण के लिए, आप ये मान लेते हैं कि सभी इक्विटी प्रोडक्ट्स जोखिम भरे होते हैं जबकि सभी डेट प्रोडक्ट्स में जोखिम कम होता है. हालांकि, यह दिलचस्प बात है कि ऐसा हमेशा नहीं होता है. कुछ ऐसे इक्विटी फंड्स होते हैं जिनमें दूसरों के मुकाबले कम जोखिम होता है जबकि ऐसे डेट प्रोडक्ट्स होते हैं जिनमें अन्य की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है. आपको यह अंतर समझने की जरूरत इसलिए होती है कि जब आपको जोखिम पता होता है तो आप उसे डील करने के लिए बेहतर स्थिति में होते हैं. जहां तक डेट इंस्टुमेंटस में निवेश की बात है तो आपको दो तरह के मुख्य जोखिमों के बारे में सोचने की जरूरत होती है. पहला- इंटरेस्ट रेट से जुड़ा जोखिम जैसे कि ब्याज दर में बदलाव के कारण आपके निश्चित आय वाले निवेश से प्राप्त रिटर्न और मूल्य पर पड़ने वाला असर. डिफॉल्ट रिस्कः जैसे कि आपके निश्चित आय वाले निवेश पर मूलधन और ब्याज के पूरी तरह भुगतान नहीं होने की प्रोबेबिलिटी. टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स में निवेश डेट इंस्ट्रुमेंट्स से जुड़े जोखिम से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है. 

टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स क्या होते हैं?

टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स पैसिव डेट फंड्स होते हैं जो अंतर्निहित बॉन्ड इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इसका मतलब ये है कि टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स के पोर्टफोलियो में ऐसे बॉन्ड शामिल होते हैं जो बॉन्ड इंडेक्स का हिस्सा होते हैं. इससे अहम बात ये है कि अंतर्निहित इंडेक्स में शामिल बॉन्ड्स की मेच्योरिटी फंड के लक्षित या संभावित मेच्योरिटी के करीब होता है.

टार्गेट मेच्योरिटी फंड के बॉन्ड्स को मेच्योरिटी तक यानी की अवधि पूरा होने तक होल्ड किया जाता है और बॉन्ड से प्राप्त होने वाले पूरे ब्याज को फंड में दोबारा निवेश किया जाता है. यह याद रखना अहम है कि पोर्टफोलियो के सभी बॉन्ड्स के पोर्टफोलियो की अवधि लगभग एक जैसी होती है और सभी बॉन्ड्स कमोबेश एक ही समय पर मेच्योर होते हैं. बॉन्ड की अवधि से पता चलता है कि ब्याज दरों में होने वाले बदलावों का बॉन्ड की कीमतों पर कितना अधिक असर देखने को मिल सकता है. इस प्रकार जब किसी पोर्टफोलियो में शामिल बॉन्ड्स को मेच्योरिटी तक होल्ड किया जाता है तो फंड की अवधि समय के साथ कम होती जाती है. ऐसे में ब्याज दरों में होने बदलाव की वजह से कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का जोखिम कम होता है. 

टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फायदे

टार्गेट मेच्योरिटी फंड में निवेश करने के कुछ खास फायदे हैं. इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • ब्याज दर से जुड़े जोखिम को करता है कम:

     अगर आप मेच्योरिटी तक टार्गेट मेच्योरिटी डेट फंड में निवेश बनाए रखते हैं तो आप फंड में निवेश (इंवेस्टमेंट के समय का यील्ड) के आसपास का रिटर्न प्राप्त करने की उम्मीद रख सकते हैं. जहां समय के अनुसार कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा, वहीं मेच्योरिटी पर आपकी उम्मीद के मुताबिक रिटर्न मिलेगा. परिणामस्वरूप, आपके निवेश पर ब्याज दर का प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा.   
  • नहीं रह जाएगा डिफॉल्ट का जोखिम:

     वर्तमान समय में टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स को सरकारी सिक्योरिटीज, पीएसयू बॉन्ड्स और स्टेट डेवलपमेंट लोन (SDLs) में निवेश की अनुमति होती है. इश्यूर की विश्वसनीयता के कारण इन फंड्स में अन्य इश्यूर की तुलना में डिफॉल्ट का जोखिम काफी कम रह जाता है. चूंकि ये ओपन एंडेड फंड हैं, इसलिए निवेशक किसी भी तरह की ऐसी प्रतिकूल परिस्थिति में आसानी से निवेश की गई रकम को निकाल सकते हैं जब डिफॉल्ट या क्रेडिट डाउनग्रेड का जोखिम हो.  
  • लिक्विडिटी:

     चूंकि, टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स ओपन-एंडेड होते हैं इंडेक्स फंड्स या ईटीएफ के तौर पर अवेलेबल होते हैं, ऐसे में वे काफी लिक्विड होते हैं और आसानी से उनकी ट्रेडिंग की जा सकती है. इसके साथ ही ये बात भी ध्यान रखने योग्य है कि वे बहुत अधिक फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं क्योंकि वे विभिन्न अवधि की मेच्योरिटी के साथ अवेलेबल होते हैं. 

जहां टार्गेट मेच्योरिटी फंड्स के कई तरह के फायदे होते हैं, वहीं आपको ये बात पता होनी चाहिए कि इन फायदों का सर्वाधिक लाभ निवेश को मेच्योरिटी तक जारी रखकर ही उठाया जा सकता है. अगर एक निश्चित समय तक निवेश जारी रखना चाहते हैं और स्थिर तथा ज्ञात रिटर्न चाहते हैं तो आप टार्गेट मेच्योरिटी फंड में निवेश पर गौर कर सकते हैं. 


निवेशकों को जागरूक करने की एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.

सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करेंः 

https://www.edelweissmf.com/kyc-norms 

म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश करने से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.

Signup for our Newsletter

MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.