हमें बचपन से कुछ बातें समझाई जाती हैं, उनमें दो खास बातें जिन पर ज्यादा जोर दिया जाता है वो हैं धैर्य और अनुशासन और ये दो बातें अनेक उदाहरणों के जरिए हमें सदियों से समझाई गई हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य इस बात पर रहा है कि हमें अपने जीवन में किस प्रकार संयम और अनुशासन का पालन करना चाहिये कि जीवन सार्थक हो सके। लेकिन जीवन की दौड़भाग में अक्सर हम इन नियमों का पालन करने से कभी चूक जाते हैं, कभी टाल जाते हैं, जबकि हमें पता होता है कि इसके लॉंग टर्म में परिणाम अच्छे नहीं होते, उदाहरण के लिए हम पौष्टिक भोजन के बजाय जंक फूड तो खाना पसंद करते हैं लेकिन उस जंक फूड से होने वाले नुकसान से बचने के लिए एक्सरसाइज़ नहीं करते।
अक्सर हमारा यही व्यवहार अपने पैसों की तरफ भी होता है। हेल्थ की तरह ही हम वेल्थ भी बनाना चाहते हैं लेकिन दो खास बातें , धैर्य और अनुशासन पर ध्यान नहीं देते। जहां हेल्थ बनाने के लिए हमें रोज़ वॉक, दौड़ने या जिम जाने जैसी आसान बातें करने की जरूरत है वहीं वेल्थ बनाने के लिए एक आसान तरीका अपनाया जाना चाहिये और वह है एसआईपी का तरीका यानि सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान।
रीटेल निवेशकों को बजाय एक दिन निवेश करने के, हर महीने म्यूचूअल फंड में एस आई पी के ज़रिये निवेश करने की आदत डालनी चाहिये। आज हर महीने सोलह हजार करोड़ रुपये एस आई पी के ज़रिये शेयर बाजार में निवेश हो रहे हैं।
आम तौर लोग महंगाई के बारे में बात तो बहुत करते हैं लेकिन महंगाई से कैसे निपटें इस बात को नज़र अंदाज़ कर जाते हैं क्योंकि उसके होने वाले दुष्परिणामों की तरफ ध्यान नहीं दे पाते। यूं तो कहते हैं कि दुर्घटना से देर भली , लेकिन निवेश के मामले में देर ही दुर्घटना है ।
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।।
एसआईपी शुरु करने का तरीका बड़ा ही आसान है, महज़ ५०० रुपये महीने की धनराशि से इसकी शुरुआत की जा सकती है। निवेशक के पास एक बैंक अकाउंट, पैन कार्ड और एड्रैस प्रूफ के कागज की जरूरत है, एक बार जब म्यूचूअल फंड में खाता खुल जाए उसके बाद हर महीने की एक निश्चित तारीख को, जिसको चुनने की सुविधा निवेशक के पास होती है, चुनी हुई तारीख पर निश्चित की हुई रकम बैंक से कट कर निवेशक द्वारा म्यूचूअल फंड की चुनी हुई स्कीम में इन्वेस्ट हो जाती है और यह प्रक्रिया बड़े ही आसान तरीके से चलती रहती है।
एस आई पी करते समय ध्यान रखने योग्य बातें, पहली एस आई पी लंबे समय के लिए होनी चाहिये, जितना अधिक लंबा समय उतनी ही ज्यादा रकम बढ़ने की संभावना, उदाहरण के लिए १००० रुपये महीने की एस आई पी पर १२.६४ % की दर से १० वर्षों में रकम होगी
करीब २.३८ लाख रुपये, हर महीने में एक हजार यानि निवेश रकम हुई १.२ लाख रुपये, यदि यह समय सीमा बढ़ा कर १५ वर्ष कर दी जाए तो निवेश की रकम तो हुई सिर्फ १.८ लाख लेकिन निवेश की मार्केट वैल्यू होगी करीब ५.३ लाख रुपये और यदि समय सीमा २० वर्ष कर दी जाए तो १२.६४% वार्षिक दर से रकम हो जाती है १०.७८ लाख रुपये और यह होगा कैसे, यह है पावर ऑफ कंपाऊँडींग, जिसको प्रसिद्ध वैज्ञानिक एल्बर्ट आइन्स्टाइन विश्व का आठवाँ आश्चर्य मानते हैं।
अस्वीकरण: यह उदाहरण बीएसई सेंसेक्स के 1 जून 2013 से 30 मे 2023 की मीन परफॉरमेंस पर आधारित है।
जीवन की ही तरह मार्केट भी उतार चढ़ावों से गुजरता है, उस उतार चढ़ाव के असर को खत्म करने के लिए और पावर ऑफ कंपाऊँडींग का भरपूर लाभ उठाने के लिए ही एस आई पी को लंबे समय तक चलाने की बात कही जाती है। आकड़ें बताते हैं कि यदि एस आई पी को सात या उससे अधिक वर्षों के लिए चालू रखा जाए तो निवेश के अच्छे परिणामों की संभावनाएं बहुत स्ट्रॉंग हो जाती हैं। निवेश से अच्छे परिणाम निकालने के लिए हमें धैर्य रखने की आवश्यकता है क्योंकि इतिहास गवाह है कि यदि अवधि लंबी हो तो ईक्विटी फंड से बेहतर परिणाम किसी और निवेश साधन जैसे एफडी, रियल एस्टेट अथवा सोने ने नहीं दिए हैं।
एसआईपी से लाभ उठाने का एक और प्रकार है वह है एसआईपी टॉप अप, यानि हर वर्ष निवेशक अपनी मौजूदा एसआईपी में एक निश्चित रकम बढ़ा सकते हैं और वह पूर्व निर्धारित होता है यानि आज किसी ने १००० रुपये की एसआईपी की शुरुआत की और तभी निश्चित किया कि अगले वर्ष से हर वर्ष इस निवेश रकम में १०० रुपये हर महीने निवेश की रकम बढ़ा दी जाए, इसके दो फायदे होते हैं, एक तो हर वेतन वृद्धि पर निवेशक की निवेश करने की ताकत बढ़ जाती है और दूसरी महत्वपूर्ण बात कि निवेश फिजूलखर्ची से बच सकते हैं।
अपने लॉन्ग टर्म उद्देश्यों को ध्यान में रख कर एसआईपी की शुरुआत कर सकते हैं। ध्यान रखें अच्छी वेल्थ के यह दो मूल मंत्र और अपनी सुदृढ़ निवेश यात्रा की शुरुआत जल्दी से जल्दी करें।
शुभ निवेश!
निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.
सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करें: https://www.edelweissmf.com/kyc-norms
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.
MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.