म्यूचुअल फंड ऐसे निवेशकों के लिए उपयुक्त होता है जो एक मामूली शुल्क देकर अपने निवेश का पेशेवर प्रबंधन (प्रोफेशनल मैनेजमेंट) चाहते हैं. म्यूचुअल फंड कई तरह की स्कीम (इक्विटी-ओरिएंटेड, डेट ओरिएंटेड इत्यादि) की पेशकश करते हैं और हर स्कीम निवेश के लक्ष्य के अनुसार इंवेस्टमेंट करती है. कोई भी निवेशक ऐसी उपयुक्त स्कीम को चुन सकता है जिसका लक्ष्य उसकी वित्तीय जरूरत से मेल खाता हो. किसी भी म्यूचुअल फंड को फंड मैनेजर्स की एक टीम द्वारा प्रोफेशनल तरीके से मैनेज किया जाता है जो निवेश से जुड़े फैसले लेते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि फंड अपने लक्ष्य का पालन पूरी तरह से कर रहे हों.
हर स्कीम निवेश के लक्ष्य के हिसाब से डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने के लिए विभिन्न एसेट क्लास की कई प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) में निवेश करती हैं. इन स्कीम में आपके द्वारा किया गया निवेश विभिन्न सिक्योरिटीज में लगा होता है जिससे आपको बड़ी रकम लगाए बिना डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है.
म्यूचुअल फंड विभिन्न स्कीम की पेशकश करते हैं जो विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करते हैं और अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से निवेश की अलग-अलग रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं. आप विभिन्न इक्विटी-ओरिएंटेड फंड या डेट-ओरिएंटेड फंड में से अपने लिए उपयुक्त स्कीम चुन सकते हैं. इक्विटी-ओरिएंटेड फंड में लार्ज कैप फंड, मिड कैप फंड, स्मॉल/ माइक्रो कैप फंड इत्यादि शामिल होते हैं. वहीं, डेट ओरिएंटेड फंड में बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज या गिल्ट फंड, शॉर्ट टर्म डेट फंड, मीडियम टर्म डेट फंड, लिक्विड फंड इत्यादि शामिल होते हैं. आपके पास बैलेंस्ड या हायब्रिड फंड में निवेश का विकल्प भी होता है. इस तरह के फंड इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज के कॉम्बिनेशन में निवेश करते हैं. आप गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में भी निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड निवेश एवं निकासी (विड्रॉल) के तरीकों में लचीलता की पेशकश करते हैं. आप एकमुश्त रकम के निवेश या सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के विकल्प में से किसी एक को चुन सकते हैं. एसआईपी के जरिए आप एक नियमित अंतराल (साप्ताहिक, पखवाड़ा, महीना) पर एक निश्चित रकम का निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड के जरिए आप व्यापक अनुभव एवं कैपिटल मार्केट की गहरी जानकारी रखने वाले प्रोफेशनल फंड मैनेजर की सेवाएं ले पाते हैं. आप एक मामूली शुल्क देकर उनकी सेवाएं ले सकते हैं. इससे संभावित निवेश को लेकर शोध एवं विश्लेषण में खर्च होने वाले काफी अधिक समय एवं ऊर्जा की बचत होती है. इसके अलावा कैपिटल मार्केट अब ज्यादा जटिल होते जा रहे हैं और अधिकतर रिटेल इंवेस्टर्स के पास अपने इंवेस्टमेंट को मैनेज करने के लिए जरूरी स्किल नहीं होती है.
निजी संपत्ति बनाने के लिए निवेश की योजना तय करने और नियमित तौर पर निवेश के अनुशासन की जरूरत होती है. एसआईपी के जरिए आप बैंक एवं म्यूचुअल फंड को घर बैठे यह स्टैंड
एसआईपी के तहत आप अपने बैंक खाते से अपने म्यूचुअल फंड अकाउंट में एक निश्चित रकम को समय-समय पर (साप्ताहिक, पखवाड़े, मासिक) ट्रांसफर करने के लिए अपने बैंक को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन देकर अपने बैंक और म्यूचुअल फंड द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरह आपको निवेश के लिए किसी तरह के अतिरिक्त प्रयास की जरूरत नहीं होती है क्योंकि इस तरीके से आप अपने निवेश कर पाते हैं. इक्विटी में निवेश के लिए एसआईपी के इस्तेमाल से आपको लंबी अवधि में अपने निवेश में आने वाली लागत को कम करने में भी मदद मिलती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए ज्यादा धनराशि की जरूरत नहीं होती है. किसी भी स्कीम में आपका शुरुआती निवेश 5000 रुपये तक हो सकता है. इसके बाद आप 500 रुपये जैसी छोटी रकम भी इंवेस्ट कर सकते हैं. इसके अलावा आपको बता दें कि म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो अपेक्षाकृत कम होता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश के कई फायदे होते हैं. अनुशासित निवेश से लेकर कम खर्च तक इसके फायदों में शामिल होते हैं. इन सबसे बढ़कर म्यूचुअल फंड कई तरह की स्कीम, निवेश की लचीलता और प्रोफेशनल फंड मैनेजमेंट की सुविधा उपलब्ध कराते हैं जिससे हर निवेशक की जरूरत पूरी हो जाती है.
निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.
सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करें: https://www.edelweissmf.com/kyc-norms
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश से पहले सभी
दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.
MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.