अगर आपने नेटफ्लिक्स, अमेजन, उबर या एप्पल जैसी विदेशी कंपनियों की सर्विसेज के लिए पैसे खर्च किए हैं तो अपने हाथ खड़े कीजिए. हम लोगों में से अधिकतर लोग उनके शो को देखने, सामान खरीदने या फिर कैब बुक करने के लिए इन विदेशी कंपनियों को पैसे का भुगतान करते हैं. इस परिदृश्य में आप इन कंपनियों की ग्रोथ में लगातार अपना योगदान दे रहे हैं. तो ऐसे में क्या उनकी कमाई में हिस्सेदार बनना सही नहीं लगता है? अगर आप यह जानना चाह रहे हैं कि इन कंपनियों में निवेश करने और रिटर्न हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है तो बता दें कि आपके लिए इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड उपयुक्त विकल्प साबित हो सकता है.
अगर आप पहले ही घरेलू म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं तो इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स आपके पोर्टफोलियो को एक कदम और आगे बढ़ा सकता है. इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स में निवेश घरेलू फंड्स में यूनिट्स खरीदने जैसा ही होता है - रुपये में निवेश कीजिए और इंटरनेशनल फंड्स के यूनिट्स पाइए. इस तरह एकत्रित की गई राशि को विदेशी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध शेयरों में निवेश किया जाता है जिससे आपको दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था की वृद्धि में भागीदार बनने का मौका मिलता है.
दो तरीकों से ये निवेश हो सकता है- सीधे तौर पर विदेशी स्टॉक की खरीद या ऐसे ग्लोबल फंड्स में निवेश के जरिए जिनमें विदेशी स्टॉक शामिल हों. घरेलू फंड्स की तरह इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स को भी सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा रेग्युलेट किया जाता है.
इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड भी उसी सिद्धांत पर काम करते हैं जिस पर घरेलू फंड और इसलिए उनके प्रकार भी घरेलू मार्केट की तरह होते हैं. आप मुख्य रूप से तीन तरह के इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं:
इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा भौगोलिक विविधीकरण है. इससे सुनिश्चित होता है कि आपका पूरा निवेश किसी एक खास क्षेत्र से जुड़ा नहीं होता है. इस तरह आपको अलग-अलग अर्थव्यवस्थाओं की ग्रोथ से फायदा मिलता है. इसके साथ-साथ घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव और भूराजनीतिक तनाव की स्थिति में भी आपका पोर्टफोलियो मजबूत रहता है.
दूसरी बात ये कि आपको नेटफ्लिक्स या उबर जैसी कंपनियों की ग्रोथ में हिस्सेदार बनने का मौका मिलता है जिसे आप सपोर्ट करते हैं. इसके साथ-ही-साथ आपको मुद्रा के विविधीकरण का भी मिलता है और जब इंटरनेशनल करेंसी की तुलना में रुपया गिरने लगता है तो भी आपके पोर्टफोलियो को प्रोटेक्शन मिलती है. रुपये में गिरावट आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि ऐसे मामलों में डॉलर का मूल्य बढ़ने से आपके रिटर्न में उछाल देखने को मिल सकता है.
अगर आपका घरेलू पोर्टफोलियो अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड है तो ऐसे वक्त में आपको दूसरे देशों के फंड में निवेश करने की ओर देखना चाहिए. अगर आप दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में भागीदार बनना चाहते हैं या वैश्विक कंपनियों में पैसे लगाना चाहते हैं तो आपको इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए. अगर आप भौगोलिक स्तर पर अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना चाहते हैं तो भी यह शानदार मौका है. लंबी अवधि को ध्यान में रखकर निवेश करने वाले निवेशकों को भी इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहिए क्योंकि आने वाले वर्षों में ग्रोथ की बहुत अधिक संभावनाएं मौजूद हैं.
क्या आप इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स में निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं? अब आप इससे संबंधित हर अहम पहलू को जानते हैं. ऐसे में आपको सही वक्त देखकर निवेश करने की सलाह दी जाती है और ऐसे देशों में पोजिशन तैयार करने की सलाह दी जाती है जिसको लेकर आप बुलिश हों.
निवेशकों को जागरूक करने की एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.
सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करेंः
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म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश करने से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.
MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.