लिक्विड फंड

क्या है लिक्विड फंड, लिक्विड फंड में निवेश, लिक्विड फंड डेट इंस्ट्रूमेंट

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हममें से अधिकतर लोग पोर्ट्फोलीओ में लिक्विडिटी के महत्व को समझते हैं परंतु एक फंड होता है लिक्विड फंड। डेट फंड केटेगरी के इस फंड की चर्चा सबसे कम होती है लेकिन है यह बड़े काम की चीज़ । एक तरफ जहां इक्विटी म्युचुअल फंड लंबी अवधि में भले ही अधिक रिटर्न दें लेकिन उनमें वॉलेटिलिटी ज्यादा होती है और कभी-कभी इन्वेस्टर इस बात को पसंद नहीं करते या यूं कहें कि अगर बहुत ही शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करना हो तो मीडियम टर्म अथवा लॉंग टर्म डेट और इक्विटी दोनों ही कारगर साबित नहीं हो सकते क्योंकि दोनों ही कैटिगरी बहुत शॉर्ट टर्म के लिए नहीं बनी।

लिक्विड फंड , डेट फंड की ही एक कैटेगरी है जो बहुत ही शॉर्ट टर्म डेट और मनी मार्केट के इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कॉमर्शियल पेपर, कॉल मनी, सरकारी सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल वगैरह में निवेश करता है. इसमें मैच्योरिटी महज़ ९१ दिनों की होती है और इसी कारण इसमें बहुत मामूली उतार चढ़ाव देखे जाते हैं. चूंकि सारे इंस्ट्रूमेंस बहुत शॉर्ट टर्म के होते हैं इसलिए लिक्विडिटी भी काफी होती है यानि कि इनको आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है।

लिक्विडिटी और सेफ्टी के साथ साथ परंपरागत करेंट अथवा सेविंग अकाउंट के मुकाबले यहां बेहतर रिटर्न भी मिल जाते हैं और यही कारण है कि कंपनियों, ट्रस्ट अथवा एच एन आई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) के बीच में यह फंड बहुत लोकप्रिय है। इसलिए अमूमन लिक्विड फंड में निवेशक बड़ी धनराशि निवेश करते हैं। यह फंड ३ दिन से लेकर ६ महीने के निवेश के लिए आइडियल फंड होते हैं।

हालांकि पिछले कुछ वर्षों से लोग इसका इस्तेमाल सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान के लिए भी करते हैं। लोगों को अपनी रकम बैंक में आइडल पड़ी रखने से बेहतर लिक्विड फंड में रखना ठीक लगता है, जहां एक तरफ हर महीने निश्चित रकम ईक्विटी कैटेगरी में इन्वेस्ट होती है वहीं दूसरी तरफ लिक्विड फंड परंपरागत इंस्ट्रूमेंट से बेहतर रिटर्न भी दे देते हैं।

छोटे और मीडियम साइज़ बिजनेस के लिए भी लिक्विड फंड एक बेहतरीन सोल्यूशन प्रोडक्ट हो सकता है। फर्ज कीजिए कि आपका ५० लाख रुपया सप्ताह में ३-४ दिन करेंट अकाउंट में पड़ा रहता है और उस पर कोई ब्याज भी नहीं मिलता ऐसे में यदि हर सप्ताह ३-४ दिन के लिए लिक्विड फंड में निवेश किया जाए तो एक साल के दौरान करीब ६ महीने के लिए पैसा लिक्विड फंड में इंवेसटेड रहेगा |

याद रखें लिक्विड फंड में बिजनेस के दिनों में २४ घंटे में पैसा वापस भी मिल जाता है और खास बात यह है कि आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसे निकाल सकते हैं , उदाहरण के लिए आपने ५० लाख रुपये इन्वेस्ट किए लेकिन कुछ दिनों बाद आपको सिर्फ २० लाख की ही जरूरत है तो आप सिर्फ २० लाख निकाल सकते हैं और बचा हुआ पैसा बढ़ता रहेगा।

लिक्विड फंड में निवेश का तरीका बड़ा ही आसान है, एक बार इन्वेस्टर की केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो गई फिर चाहे व्यक्तिगत, पार्ट्नर्शिप अथवा कंपनी का निवेश करना हो, फिज़िकल अथवा ऑनलाइन दोनों ही प्रकार से निवेश किया जा सकता है।

बिल्कुल नए निवेशक भी लिक्विड फंड में निवेश करके म्यूचूअल फंड में अपनी निवेश यात्रा शुरु कर सकते हैं।

 

निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.

 

सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करें: https://www.edelweissmf.com/kyc-norms  

 

म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.

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