एक स्वादिष्ट और हेल्दी स्मूदी के बारे में सोचिए. फलों, सब्जियों और सूखे मेवों से बना हुआ यह शानदार ड्रिंक आपको अवांछित फैट व कैलोरी से बचाता है और ऊर्जा, पोषण और संतुष्टि देता है. ईएलएसएस फंड ठीक इसी तरह काम करते हैं. वे आपको डायवर्सिफिकेशन, टैक्स बेनेफिट और लंबे समय के लॉक-इन के बिना इक्विटी के एक्सपोजर जैसे कई फायदे देते हैं. दिलचस्प लगा? आइए जानते हैं कि ईएलएसएस फंड क्या है.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम को संक्षेप में ईएलएसएस कहते हैं. यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जो मुख्य तौर पर इक्विटी और इक्विटी-रिलेटेड इंस्ट्रुमेंट पर फोकस रहता है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार, ईएलएसएस फंड के लिए अपने कुल एसेट का कम से कम 80 फीसदी इक्विटी और इक्विटी-रिलेटेड सिक्योरिटीज में निवेश करना जरूरी है.
ईएलएसएस फंड को आम तौर पर टैक्स बचाने वाले इक्विटी फंड के रूप में जाना जाता है, क्योंकि वे इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट दिलाते हैं.
ईएलएसएस के कुड फीचर्स को जानें, जो उन्हें वर्सेटाइल और खास बनाती हैं.
ईएलएसएस फंड की खास बातों में टैक्स की बचत एक है. ईएलएसएस ऐसी अकेली म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन के दायरे में आती है. इस सेक्शन के अनुसार, ईएलएसएस में किये गए निवेश पर एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है.
इसके अलावा, चूंकि ईएलएसएस फंडों में तीन साल का अनिवार्य लॉक-इन होता है, इसलिए खुद-ब-खुद उनके ऊपर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लग जाता है, जो आमतौर पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की तुलना में कम होता है और अधिक आकर्षक होता है. एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं लगता है और 1 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 10 फीसदी टैक्स लगता है.
निवेश को लेकर दुविधा हो रही है? नीचे दिए गए सेक्शन आपको निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं.
ईएलएसएस फंड मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करते हैं, जो बाजार में उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकता है. इसके अलावा, भले ही इन फंडों में तीन साल का लॉक-इन होता है, ये लंबे समय के वित्तीय लक्ष्यों के लिए सही होते हैं क्योंकि छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव का असर आ सकता है.
इन फंडों को चुनते समय अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्यों को ध्यान में रखें.
आपका निर्णय मुख्य रूप से आपके वित्तीय लक्ष्यों और निवेश करने की आपकी प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है. अगर आपके पास नियमित आय है और आप शुरुआत में बड़ा निवेश किए बिना समय-समय पर एक तय रकम को निवेश करना चाहते हैं तो एसआईपी सही है. एसआईपी समय के साथ निवेश की लागत को एवरेज कर देता है, क्योंकि आप कीमतें कम होने पर ज्यादा यूनिट खरीद सकते हैं और ज्यादा होने पर कम.
अगर आपके पास विरासत, बोनस या निवेश के रिटर्न आदि से ठीक-ठाक रकम मौजूद है तो यह एकमुश्त निवेश करने में आपकी मदद कर सकता है.
ईएलएसएस फंड आपको न सिर्फ टैक्स बचाने में मदद करते हैं, बल्कि ये लंबी अवधि के लक्ष्यों को हासिल करने का सही विकल्प भी बन सकते हैं. हालांकि, यह देखना सबसे महत्वपूर्ण है कि आप कितना जोखिम उठा सकते हैं, आपके लक्ष्य क्या हैं और फिर यह देख सकते हैं कि ईएलएसएस फंड आपके लिए ठीक हैं या नहीं.
निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.
सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करें: https://www.edelweissmf.com/kyc-norms
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.
MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.